मुण्डा जनजाति की भौगोलिक स्थिति

 मुण्डा जनजाति की भौगोलिक स्थिति : झारखंड, अन्य, भारत और विश्व में

 





           मुण्डा जनजाति का परिचय


मुण्डा जनजाति भारत की प्रमुख आदिवासी समुदाय में से एक है । इनका इतिहास , संस्कृति और भाषा बेहद समृद्ध है । मुण्डा जनजाति की भाषा मुण्डारी है, जो कि भारतीय संविधान एमकेआई अनुसूची में अबतक सम्मिलित नहीं हुई है , लेकिन इसके महत्व को नजरंदाज नहीं किया जा सकता । यह जनजाति मुख्यत: झारखंड राज्य में पाई जाती है, लेकिन भारत के अन्य हिस्सों और दुनिया के कई देशों  में भी  मुण्डा जनजाति के लोग बसे हुए है ।


                    झारखंड में मुण्डा जनजाति



झारखंड राज्य मुण्डा जनजातिका मुख्य निवास स्थान है । यहां की पहाड़ी और वन्य क्षेत्र में यह जनजाति निवास करती है । मुण्डा जनजाति का मुख्य केंद्र रांची और इसके आसपास के इलाके में है । झारखंड के सिंहभूम , खूंटी , गुमला , सिमडेगा और लोहरदगा जिला में मुण्डा जनजाति के लोग विश रूप से पाए जाते हैं । यह समुदाय कृषि और जंगलों पर निर्भर करता है  और अपनी पारंपरिक जीवनशैली के साथ ही आधुनिक समाज के साथ सामान्य करने की कोशिश कर रही है ।

             झारखंड के अन्य राज्यों में मुण्डा जनजाति की स्थिति 



झारखंड के अलावा मुण्डा जनजातिके लोग ओडिशा , पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, बिहार और असम जैसे राज्यों में भी निवास करता है । हालांकि इन राज्यों में इनकी संख्या झारखंड की तुलना में कम है, लेकिन उनकी उपस्थिति वहां भी महत्वपूर्ण है । मुण्डा जनजातिके लोग राज्यों में भी अपनी पारंपरिक संकृति और भाषा को संरक्षित करने का प्रयास कर रहे है ।

           भारत में मुण्डा जनजाति का विस्तार



भारत में मुण्डा जनजाति की संख्या लाखों में है । मुण्डा लोग अपने सांस्कृतिक धोरोहर और भाषा को ले कर जागरूक है और संरक्षित करने के लिए विभिन्न आंदोलन में सक्रिय भागीदारी करते है । लेकिन कई चुनौतियां भी है जैसे - शिक्षा , स्वस्थ  और रोजगार की समस्याएं ।


                       विश्व में मुण्डा जनजाति की स्थिति 





भारत के बाहर मुण्डा जनजाति के लोग नेपाल , बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देशों में पाए जाते है । ये लोग वहा की स्थानीय जनजाति के साथ रहते है . हालंकी इनकी संख्या भारत के मुकाबले वहा बहुत कम है, लेकिन ये अपनी पहचान बनाए रखने में सफल रहे हैं । विदेश में बसे मुण्डा समुदायों ने भी अपने संस्कृति और परंपरारिक मूल्यों को बनाए रखा है और वे उन्हें अगली पीढ़ी को  सीखने में सक्रिय है ।


                                    निष्कर्ष 



मुण्डा जनजाति का भौगोलिक विस्तार झारखंड से लेकर भारत के विभिन्न राज्यों और विश्व के कुछ देशों तक फैला हुआ है । इस जनजाति का सांस्कृतिक , भाषाई और सामाजिक योगदान भारतीय समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है । मुण्डा जनजाति के लोग आज भी अपनी पहचान और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए प्रयासरत है । झारखंड में यह जनजाति प्रमुख है, लेकिन अन्य राज्यों ओर देशों में उपस्थिति मुण्डा समाज की वैश्विक पहचान को दर्शाता है ।


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जोअर,

[ नीरज मुण्डा ]

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